गंगा आरती की शाम बनारस का घाट अदभुत, क्यों ।।ganga aarati ki sham banaras ka ghat adbhut kyo ?

 बाबा विश्वनाथ की नगरी

काशी नगरी।वाराणसी,बनारस,कई प्राचीन नामों से सुशोभित ।बाबा विश्वनाथ की नगरी है। ये नगरी जहां एक अद्भुत और अलौकिक आनंद की प्राप्ति होती है।

        काशी विश्वनाथ मंदिर मां पतित पावनी गंगा के किनारे प्राचीन काल से अवस्थित है। ये भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है।


काशी दर्शन

       भगवान के कृपा से दो तीन दिनों तक काशी में रहने का अवसर प्राप्त हुआ।हम कुल आठ लोगो की टोली थी।काशी भ्रमण के लिए हमलोग निकल गए। शाम का समय था दिनभर की गर्मी और धूप मिट चुका था 

     सबसे पहले हम दशाश्वमेध घाट पहुंचे वहा इतनी भीड़ थी की हम सीढ़ियों से नीचे उतर ही न सके।क्योंकि वहां गंगा आरती की तैयारी चल रही थी।रोज शाम को 7बजे से वहां गंगा आरती होती है और सैकड़ों लोग गंगा आरती देखने आते है भीड़ इतनी की आरती के समय चींटी भी ना घुस पाए। 


 बाबा विश्वनाथ जी का दर्शन  

         वहां से हम वापस बाबा विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे।भीड़ तो वहां भी काफी थी लेकिन लाइन से जाने का व्यवस्था है इसलिए एक बच्चा भी दर्शन कर सकता है। हम कतार में चलते हुए बाबा के मंदिर में पहुंचे।

      भव्य और विशाल मंदिर सोने का गुंबद अदभुत।इस मंदिर का निर्माण महारानी अहिल्या बाई होल्कर द्वारा 1780 में कराया गया है। बाबा विश्वनाथ के दर्शन के पश्चात हम मंदिर का भ्रमण करते रहे और उसके प्राचीन इतिहाश को समझने का प्रयास करते रहें। काशी कारीडोर के निर्माण से मंदिर परिसर बहुत ही खूबसूरत और दर्शनीय हो गया है।


गंगा का किनारा

      दूसरे दिन हम लोग कालभैराव,संकट मोचन मंदिर,दुर्गा कुंड इत्यादि अनेकों मंदिरों का दर्शन करने के बाद गंगा आरती देखने के लिए लगभग 5 बजे दशाश्वमेध घाट पहुंच गए।भीड़ कम थी आराम में सीढ़ियों से हम नीचे आए।गंगा का किनारा और शीतल हवा का झोंका मन में ताजगी और स्फूर्ती पैदा कर रहा था । सारा थकान गायब हो गया।


दशाश्वमेध घाट

       मत्स्य पुराण के अनुसार ब्रह्मा द्वारा संपन्न दस अश्वमेघ यज्ञों के कारण इस घाट का नाम दश्वमेघ घाट पड़ा है। सात बजते ही घाट पर सकड़ों की भीड़ हो गई। जितने लोग घाट पर थे उससे तीन गुना लोग ज्यादा स्टीमरो और नावों में सवार होकर गंगा जी में थे।गंगा आरती देखने के लिए।


गंगा आरती

      हम लोगों ने भी एक स्टीमर किया और गंगा जी में प्रवेश किए ।अंधेरा हो गया था घाट पर बहुत ही सुंदर लाइटिंग की व्यवस्था थी।घाट जगमग हो गया था। स्टीमर वाले ने गंगा के सारे घाटों का भ्रमण कराया ।ऐसा लग रहा था की हम दूसरी दुनियां में आ गए है। फिर गंगा आरती सुरू हुआ । बहुत ही भव्य और मोहक ।पवित्रता से ओत प्रोत । गंगा आरती देख कर मन पवित्रता से भर गया।


        इस तरह काशी विश्वनाथ की हमारी यात्रा पूर्ण हुई।आप कब बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने तथा गंगा आरती देखने आ रहे है ?

Post a Comment

0 Comments