बंद कमरा
मैं एक ऐसे घर में हूं जहां कई कमरे मैं। कई बेड रूम हैं।सभी कमरे कामयाब हैं। सबकी अपनी अपनी आवश्यकताओं के अनुसार जरूरतें है। सभी कमरे घर के सदस्यों का ख्याल रखते हैं। सभी सदस्य घर के कमरों का ख्याल रखते हैं।
लेकिन घर के दो कमरों में ताला बंद है। क्यों बंद है इस बात को छोड़िए। बस बंद है। इस दो कमरों से किसी का कोई काम नहीं चलता है। इन दो कमरों में कोई आता जाता नहीं है। इनकी साफ सफाई नहीं होती है। इन दो कमरों से किसी की आवश्यकता की पूर्ति नहीं होती है तो किसी भी सदस्य को इन दो कमरों की कोई जरूरत भी नहीं महसूस होती है। मतलब पूरे घर में ये दो कमरे बेकार हैं।
बेकार कमरा
ऐसा नहीं है की शुरू से ही ये कमरे बेकार थे। पहले इन दोनो कमरों में खूब चहल पहल रहती थी। बराबर आना जाना रहता था। मेहमानों को बिठाया जाता था। रोज साफ सफाई होती थी। उसके बिना किसी का काम नही चलता था। सभी कमरे जितने प्यारे थे कही उससे ज्यादा वो कमरे प्यारे थे। उन कमरों की गिनती घर के मुख्य कमरों में होती थी। दोनो कमरे घर के सदयों का ख्याल रखते थे। घर के सदस्य भी उन दोनों कमरों का ख्याल रखते थें।
लेकिन आज वह दोनों कमरे बेकार है ,क्योंकि उनमें ताले लगे हुए हैं। आज भी घर में उतने ही सदस्य हैं जितने पहले थे। कुछ भी नही बदला है। थोड़ी दिक्कत हुई,जब ताले बंद हुए। उन कमरों की कमी खली। कुछ दिनों तक उन कमरों की जरूरत महसूस हुई। कई बार तो उन कमरों के दरवाजे पर जाकर रुक जाना पड़ता था। अंदर जाने की आदत जो थी। ठिठक कर वापस आना पड़ता था क्योंकि दरवाजे पर ताले बंद थे। अब धीरे धीरे वर्षो बीत गए। आदत छूट गई। कमरों की जरूरत समाप्त हो गई। वे कमरे बेकार हो गए। आज भी घर में उतने ही सदस्य है। लेकिन इन दो कमरों की जरूरत नहीं पड़ती है। उसके बिना ही सबका काम चलता है। सभी अपने अपने काम में मगन है। बाकी जो कमरे खुले है उनसे सबका काम चलता है। वे दोनों कमरे बेकार हैं।
खुद को साबित करना
इस वाकया से जीवन में एक सीख मिली। आगर आप किसी के काम नही आ रहे। तो आप बेकार है। आपके होने का कुछ मतलब नहीं है। आप है लेकिन आपकी जरूरत किसी को नहीं पड़ेगी। आपके होने का मतलब है खुद को साबित करना। हां मैं हूं। मुझसे औरों की जरूरत पूरी होगी। मैं किसी के काम आऊंगा। मैं सबके काम आऊंगा।
आप लोगों का ख्याल रखेंगे तो लोग भी आपका ख्याल रखेंगे। आप किसी के जरूरत पर काम आयेंगे तो आपके भी जरूरत पर कोई आपके काम आएगा। नही तो आप अलग थलग पड़ जायेंगे परिवार से भी और समाज से भी।
मेरे एक रिलेटिव है। उस परिवार में बहुत लोग हैं। लंबा चौड़ा परिवार है। कुछ लोग बाहर शहरों में रहते है। नौकरी करते है। आफिसर है। गांव में अनलोगों को बहुत कम लोग पहचानते हैं। कभी शादी विवाह के अवसर पर अनलोगो का आना जाना होता है। दो चार दिन रहते है फिर चले जाते है। जो दो चार दिन गांव देहात में वे लोग रहते है या तो घर के अंदर रहते है,या बाहर रहते है तो अपने छोटे बच्चे को दुलारते पुचकारते रहते है। या फिर मोबाइल में सर खपाए रहते है। ना किसी से दुआ सलाम ना किसी का हाल चाल।कोई पूछ देता है की क्या भाई क्या हाल?तो सर हिला कर बोल देते है " बढ़िया""। हो गया ।
अपने लिए जीना क्या जीना
और ऐसे लोग अपने घर में अपने परिवार में शिकायत करते है की कोई हमको पूछता नही है। घर में परिवार में मेरा मान सम्मान नही है। यहां रहना ही बेकार है। हम जहां हैं वही ठीक है चलो जी। अपने बीबी बच्चों को लेते है और चल देते है।
गांव से भागने के पीछे भी कुछ कारण है। सच तो है की जब आप परिवार में किसी के काम नहीं आते है तो मान सम्मान कम होता है। वे हीन भावना से ग्रसित होकर परिवार से अलग थलग पड़ जाते है। अपनी कमियों को छुपाने के लिए दूसरों पर दोष थोपते है। और घर से चले जाते है।
ऐसे जीवन का क्या लाभ। अपने लिए ही जीना क्या जीना। ये मेरा है की भावना से आप अपने कमरे में ही ताला नहीं बंद करते है बल्कि अपने दिमाग अपने दिल में भी ताले बंद कर लेते है इससे फायदे के बदले नुकसान हो जाता है। बंद कमरे का कचरा आपके दिमाग में जमे कचरे का प्रतिनिधित्व करता है। ओ कचरा कमरे में नहीं दिमाग में जमा होता है। इसे साफ करने की जरूरत है।
कुछ सवाल खुद से
कमरे में ताले बंद करनेवाले लोगों को खुद से कुछ सवल पुछने की जरूरत है। क्या मकान के अन्य कमरों में किसी ने आपको जाने से रोका ? क्या आपके कमरे में बहुत कीमती सामान है ? क्या आपके कमरे से घर के सदस्यों द्वारा कोई सामान चुराई गई ? क्या दो एक कमरे में कचरा जमा कर के पूरे घर को प्रदूषित करने से आपको कुछ फायदा होनेवाला है ? क्या आप जो उनलोगों से पाने की इच्छा रखते है आप अन्य लोगो को खुद देते है?इन सब सवालों के जवाब आपको अपने आप से पूछने की जरूरत है।
अगर जवाब मिल जाए तो अच्छा नहीं तो आपकी सोच आपकी कार्य प्रणाली आपके व्यक्तित्व को दर्शाती है।आप जो चाहते है वह सबको पता होता है । यहां तक की गैरों को भी पता होता है।
आपको घर के कचरे साफ करने की जरूरत है। दिल के कचरे साफ करने की जरूरत है। दिमाग के कचरे साफ करने की जरूरत है। आपको घर के ताले खोलने की जरूरत है। दिल के ताले खोलने की जरूरत है। दिमाग के ताले खोलने की जरूरत है।
0 Comments