गर्मी के मौसम में तेज धूप में काम करने से क्या नुकसान होते है ? Garmi ke mausam me tej dhup me kam karne se kya nuksan hote hai ?

 गर्मी का मौसम। तेज धूप। इस धूप में काम पर जाने की मजबूरी। सबके साथ है। निकलना ही पड़ता है। कई शहरों का तापमान तो 39 से 45 डिग्री तक पहुंच गया है। ऐसे में क्या बच्चे क्या बूढ़े क्या जवान सभी गर्मी से बेहाल है।

धूप में कामकरने वाले

      सबसे ज्यादा मुश्किलों का सामना उन्हें करना पड़ता है,जो लोग धूप में ही काम करने वाले है। ऑफिसों में काम करने वाले तो ए सी या कूलर के नीचे रहते हैं। पर रिक्शा चलाने वाले, पोलदारी का काम करनेवाले,कॉन्ट्रेक्शन का काम करने वाले, ईंट भट्ठे पर काम करनेवाले ऐसे बहुत से लोग विभिन्न साइडो पर चिलचिलाती धूप में दिनभर काम करते है। पसीने से लथपथ रहते है। कोई उपाय भी नहीं है।काम तो करना ही है। खेत में काम करने वाले किसान भी बिना धूप का परवाह किए खेतों में काम करते है।

गर्मी से बचने का उपाय

       जो लोग धूप में काम करने वाले है। उन्हे लगातार कड़ी धूप में रहने से बचना चाहिए। थोड़ी थोड़ी देर के बाद छाया में जाकर आराम करना चाहिए। पानी पीते रहना चाहिए। किसी काम में जरूरत से ज्यादा ताकत नहीं लगना चाहिए। ज्यादा ताकत लगाने से चक्कर आने का खतरा रहता है। धूप के चश्मे का प्रयोग करना चाहिए। खाली पेट तो बिलकुल नहीं रहना चाहिए। पेट भरा हुआ होना चाहिए। जितना हो सके धूप से बचना चाहिए।


ज्यादा धूप में रहने के नुकसान

      तेज धूप में रहने के बहुत सारे नुकसान शरीर को होते है। तेज धूप के कारण चक्कर आ जाता है। आदमी गिर जाता है। आंखो को धूप बहुत ज्यादा नुकसान करता है। डिहाइड्रेशन की समस्या हो जाती है। स्किन कैंसर का खतरा रहता है। एजिंग इफेक्ट मनुष्य पर पड़ता है त्वचा कला पड़ जाता है। पिगमेंटेशन की समस्या हो सकती है। कुछ लोगों को नाक से खून गिरने लगता है। बच्चों में भी यह समस्या होती है।

खान पान पर पर ध्यान

        गर्मी के दिनों में खान पान पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। हल्का और सुपाच्य भोजन करना चाहिए। खीरा ककड़ी,तरबूज ,संतरा जैसे मौसमी फलों का सेवन करना चाहिए। दही,छाछ, मठ्ठा,सत्तू गर्मियों में बहुत फायदेमंद होता है। बहुत आवश्यक होने पर घर से बाहर निकलना चाहिए। धूप में जाना अनिवार्य हो तो ओ आर एस का घोल पीकर निकलना स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। बच्चों को भी पिलाया जा सकता है।


शहर और गांव में अंतर

       शहरों में तो लोग ए सी कूलर का इस्तेमाल करते है। जिससे गर्मी से काफी राहत रहता है। लेकिन गांवों में आज भी लोग घनी पेड़ की छाया में दोपहर बिताते है। पेड़ों के कम हो जाने के कारण बगीचा तो कम हो गए है। फिर भी बगीचे में रहना लोग पसंद करते है। बांस के पेड़ के पास बहुत ठंडा रहता है। वहां भी लोग रहना पसंद करते है। वैसे तो अब गांवों में भी बिजली की उपलब्धता अच्छी हो गई है। शहरों के साधन गांवों में भी विकसित होने लगे हैं।

वाह गर्मी बाय गर्मी

        इस तरह आप छोटी छोटी बातों का ख्याल रखेंगे तो आह गर्मी को वाह गर्मी में बदल देंगे। सेहत भी अच्छा रहेगा। कुछ दिनों के बाद बाय गर्मी तो होनें ही वाला है।

Post a Comment

0 Comments