SIP शुरू करने से पहले कुछ बातो का जानना बहुत ही जरूरी है। आप SIP कहां से करेंगे? आपके पैसे का कौन देख रेख़ करता है? आपका पैसा कैसे बढ़ता है? हम स्टेप बाई स्टेप इन सब बातों को समझने का प्रयास करेंगे।
फंड हाउस
SIP शुरू करने के लिए फंड हाउस का चुनाव करना पड़ता है। बहुत सारे फंड हाउस होते हैं। आप किसी भी फंड हाउस से SIP कि शुरुआत कर सकते हैं । म्यूचुअल फंड वितरकों से भी SIP किया जाता है। फंड हाउस से SIP करना अच्छा माना जाता है। फंड हाउस फंड मैनेजर की सेवाएं लेता है। SIP के माध्यम से म्यूचुअल फंड में निवेश किया जाता है। आप सीधे म्यूचुअल फंड भी खरीद सकते है। लेकिन थोड़े थोड़े पैसे इकट्ठा कर लॉन्ग टाइम में एक बड़ा फंड बनाने के लिए SIP बेस्ट माना जाता है।
फंड मैनेजर
फंड मैनेजर बहुत ही पेशेवर तथा एक्सपर्ट होते है। उनके ऊपर आपके पैसे के निवेश एवम प्रबंधन की जिम्मेवारी होती है। उनके पास एक्सपर्ट लोगों की टीम होती है। ये डिसीजन लेना उनका काम होता है की कौन से फंड में आपका पैसा डालना है? कब पैसा निकालना है। एक अच्छे फंड मैनेजर कि जिम्मेदारी होती है की आपके पैसे का वित्तीय प्रबंधन इस ढंग से करे की निरंतर ग्रोथ बना रहे। वैसे तो म्यूचुअल फंड मार्केट आधारित प्लान होता है। इसपर मार्केट के उतार चढ़ाव का सीधा असर होता है। फिर भी पेशेवर और एक्सपर्ट फंड मैनेजर की प्रबंधन भूमिका का बहुत ही सीधा प्रभाव फंड के ग्रोथ पर पड़ता है।
SIP कहां से ले
आप अपने बैंक से SIP प्लान ले सकते हैं। आपको अपने बैंक मैनेजर से मिलकर SIP ओपनिंग के लिए एक फर्म भरना होगा। फिर आपका कुछ दिनों के बाद SIP का पैसा आपके अकाउंट से कटने लगेगा। लगभग सभी बैंकों में SIP की सुविधा उपलब्ध है। एक डेट आपको निश्चित करना होगा और प्रत्येक महीने उस निश्चित डेट को आपका पैसा आपके अकाउंट से कट जायेगा और SIP में निवेश आपका निरंतर चलता रहेगा।
ऑनलाइन SIP
आप ऑनलाइन SIP खोल सकते है। आपको अपने लैपटॉप से किसी भी म्यूचुअल फंड के डायरेक्ट प्लान में जाना होगा। वहां आधार कार्ड और पैन कार्ड अपलोड कर ऑनलाइन केवाईसी करना होगा। पैसा जिस भी अकाउंट से पेमेंट करना हो उसका ऑटो डेबिट सेलेक्ट करना होगा। आपका 30 दिनों के बाद पैसा कटेगा और SIP चालु हो जायेगा। ऑनलाइन SIP 99 साल तक के लिए होता है। आप कभी भी इस स्कीम से आउट हो सकते हैं।
NAV क्या है
NAV को नेट एसेट वैल्यू कहते है। आप SIP में जो भी पैसा निवेश करते है उसका मूल्य (NAV) नेट एसेट वैल्यू के रूप में एलॉट होता है। आप मिनिमम 500 रुपए से भी SIP शुरू कर सकते हैं। मैक्सिमम कुछ भी हो सकता है।
यूनिट क्या है
जब आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते है तो आपके द्वारा निवेश किए गए पैसे से आपको यूनिट एलॉट किया जाता है। आपको आपके पैसे का कितना यूनिट मिलेगा,यह (NAV) नेट एसेट वैल्यू के आधार पर तय होता है। मान लीजिए आप किसी म्यूचुअल फंड में 2000 रूपये का SIP करते हैं । उस फंड का NAV वैल्यू 10 रूपये हो, तो आपको 2000÷10=200 यूनिट मिलेंगे। इसी तरह आपके द्वारा हर बार निवेश किए गए पैसे यूनिट के रूप में एलॉट होते जायेंगे।
निवेश कहां करें
भारत में म्यूचुअल फंड के बहुत से प्रकार हैं। अगर हम सभी तरह के म्यूचुअल फंड के बारे में जानने का प्रयास करेंगे तो एक भटकाव की स्थिति उत्पन्न हो जायेगी। निवेश की दृष्टि से इक्विटी म्यूचुअल फंड अच्छा माना जाता है। SIP के माध्यम से इक्विटी म्यूचुअल फंड, लॉन्ग टर्म निवेश में बढ़िया रिजल्ट देते हैं। इक्विटी म्यूचुअल फंड मुख्यत: चार प्रकार के होते है।
1. स्मॉल कैप फंड-- ये फंड अपने पैसे का निवेश स्मॉल साइज की कंपनियों में करते हैं। स्टॉक एक्सचेंजों में स्मॉल साइज की कंपनियां अधिक संख्या में लिस्टेड हैं। इनका बाजार पूंजीकरण 5,000 करोड़ रुपए से कम का होता है। इन कंपनियों में निवेश रिस्क बहुत हाई होता है।
2. मिड कैप फंड-- ये फंड अपने पैसे का निवेश मध्यम साइज की कंपनियों में करते हैं। इनका बाजार पूंजीकरण 5,000 करोड़ रुपए से ज्यादा और 20,000 करोड़ रुपए से कम का होता है। इन कंपनियों में किया गया निवेश रिस्क स्मॉल कैप कम्पनी से कम तथा लार्ज कैप कंपनी से अधिक होता है।
3. लार्ज कैप फंड-- ये फंड अपने पैसे को लार्ज कैप कंपनियों में निवेश करते हैं। इस श्रेणी में बहुत बड़ी बड़ी कंपनियां होती है। इनका बाजार पूंजीकरण 20,000 करोड़ या उससे भी अधिक का होता है। ऐसे कंपनियों में पैसा लगाने पर रिस्क कम रहता है। इन कंपनियों का बाजार में पहले से ही पकड़ होता है।
4. मल्टी कैप फंड-- ये फंड अपने पैसे का निवेश लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप तीनों में करती है। इसके कारण निवेश जोखिम कम रहता है।
इतना जानने के बाद अब जानना जरूरी है की इन्वेस्टमेंट कॉस्ट और पोर्टफोलियो वैल्यू क्या होता है?
इन्वेस्टमेंट कॉस्ट-- जब हम SIP के रूप में हर महीने जो पैसा जमा करते हैं। उस पैसे को इन्वेस्टमेंट कॉस्ट कहते है। मान लीजिये 2000 रुपए महीने का आप SIP चलाते हैं ।आपने 10 साल तक के सफर में 2,40,000 रुपए जमा किए। ये 2,40,000 रुपए इन्वेस्टमेंट कॉस्ट कहलाते है। ये पैसा आपका जमा किया हुआ होता है।
पोर्टफोलियो वैल्यू-- आप जो SIP चलाते हैं उस पैसे से यूनिट खरीदे जाते है। हर महीने खरीदे गए यूनिट आपके पोर्टफोलियो में इकट्ठे होते जाते हैं। वर्तमान समय में आपके पोर्टफोलियो के यूनिटों को NAV से गुणा करने पर जो रिजल्ट मिलता है वह पोर्टफोलियो वैल्यू कहलाता है। मान लीजिए 10 साल के SIP के सफर में आपके पोर्टफोलियो में 20,000 यूनिट जमा हो गए। वर्तमान समय में अगर NAV 40 रूपये हो गया हो तो 20,000×40= 800000 रूपये पोर्टफोलियो वैल्यू हुआ।
2 लाख 40 हजार रूपये इन्वेस्टमेंट कॉस्ट और 8 लाख रूपये पोर्टफोलियो वैल्यू हुआ।
अब तक आप SIP की बहुत सी बारीकियों को समझ गए होंगे। कम पैसों में बड़ा फंड बनाने के लिए इक्विटी म्यूचुअल फंड में SIP करना अच्छा माना जाता है। इसके लिए लॉन्ग टर्म तक SIP चलाना चाहिए। या यूं कहें कि जिस उद्वेश्य के लिए आप SIP चला रहें हैं, उस उद्वेश्य के पूरा होने तक SIP चलाते रहना चाहिए।
(ये पोस्ट सिर्फ जानकारी के लिए लिखा गया है। कोई भी निवेश आप अपने फाइनेंशियल एडवाइजर के सलाह से ही करें।)
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